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soil test

नमस्कार, किसान मित्रों! “फसल जानकारी” वेबसाइट में आपका स्वागत है। आज हम मिट्टी परीक्षण (Soil Test) के महत्व, प्रक्रिया, लाभ और उससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी पर विस्तार से चर्चा करेंगे। मिट्टी परीक्षण एक महत्वपूर्ण कदम है, जो फसल उत्पादन को बढ़ाने और किसानों की आय में सुधार करने में सहायक होता है।

मिट्टी का महत्व

पौधों की वृद्धि के लिए मिट्टी आवश्यक पोषक तत्व और सहारा प्रदान करती है। यह खाद्य उत्पादन के लिए एक मूलभूत संसाधन है। लगातार फसल उत्पादन से मिट्टी के पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। इसलिए मिट्टी परीक्षण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिससे हम समझ सकें कि हमारी मिट्टी में कौन से तत्वों की कमी है और उन्हें कैसे सही किया जाए।

मिट्टी परीक्षण क्या है? What is Soil test –

मिट्टी परीक्षण एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसमें खेत की मिट्टी में पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा का आकलन किया जाता है। इसमें निम्नलिखित पहलुओं का परीक्षण किया जाता है:

1.पोषक तत्वों की उपलब्धता: मिट्टी में मुख्य पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटाश की मात्रा की पहचान करना।
2. मिट्टी की अम्लीयता और क्षारीयता: मिट्टी का pH स्तर जानने से यह पता चलता है कि कौन सी फसलें वहां उगाई जा सकती हैं।
3. मिट्टी की लवणीयता: यह जानने से हम समझ सकते हैं कि मिट्टी में सोडियम और क्लोराइड जैसे लवणों की कितनी मात्रा है, जो फसल उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं।

जांचे जाने वाले पोषक तत्व

A. मुख्य पोषक तत्व:

नाइट्रोजन (N): पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक।
फास्फोरस (P): जड़ विकास और फूल आने के लिए आवश्यक।
पोटाश (K): पौधों की बीमारी के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए।

B. गौण पोषक तत्व:

सल्फर (S): प्रोटीन निर्माण में सहायक।
जिंक (Zn): विकास और उत्पादकता में सुधार लाने के लिए।
फेरस (Fe): क्लोरोफिल निर्माण के लिए आवश्यक।

C. सूक्ष्म पोषक तत्व:

बोरोन (B)
कॉप्पर (Cu)
मोलिब्डेनम (Mo)

मिट्टी परीक्षण के लाभ | Benefits of soil test –

1. पोषक तत्वों का आकलन: पोषक तत्वों की कमी पहचानता है और उर्वरक के उपयोग में मार्गदर्शन करता है।
2. pH जानकारी: मिट्टी की अम्लीयता/क्षारीयता का पता लगाता है, जिससे फसल चयन में मदद मिलती है।
3. जलधारण क्षमता: मिट्टी की पानी रखने की क्षमता निर्धारित करता है, जिससे सिंचाई की रणनीति तय होती है।
4. पौधों की स्वास्थ्य: रोगाणुओं और विषाक्त पदार्थों का पता लगाकर मिट्टी की सुरक्षा का आकलन करता है।
5. उर्वरक चयन: सही उर्वरक का चयन करने में मदद करता है, जिससे फसल की गुणवत्ता में सुधार होता है और पर्यावरण पर असर कम होता है।
6. फसल चक्र प्रबंधन: विशेष मिट्टी के लिए उपयुक्त फसलों का चयन करने में सहायक होता है।
7. दीर्घकालिक कृषि प्रबंधन: सतत कृषि के लिए मिट्टी के स्वास्थ्य की निगरानी करता है।
8. आर्थिक लाभ: उत्पादन में सुधार करके और उत्पादन लागत कम करके किसानों की आय बढ़ाता है।

(खेती बाड़ी के बारें में अन्य जानकारी पढ़ने के लिए ह्या क्लिक करें – खेती बाड़ी)

मिट्टी परीक्षण कब और कैसे कराएं?

A. कब करें?

1. फसल की कटाई के बाद: जब फसल की कटाई हो जाती है या खड़ी फसल के समय मिट्टी की जांच करना सही माना जाता है।
2. नियमित अंतराल पर: प्रत्येक 3-4 साल में फसल मौसम शुरू होने से पहले एक बार मिट्टी की जांच करनी चाहिए।
3. सही समय: मिट्टी की जांच तब करनी चाहिए जब भूमि में नमी की मात्रा कम से कम हो।

B. कैसे करें?

👉आवश्यक सामग्री

1. खुरपी, फावड़ा, बाल्टी या ट्रे
2. कपड़े और प्लास्टिक की थैलियां
3. पेन, धागा, सूचना पत्रक

👉सैम्पल लेने की विधि

1. खेत में जिग-जैग तरीके से 10-15 स्थानों से नमूना लें।
2. ऊपरी सतह से घास-फूस, कूड़ा करकट आदि हटा दें।
3. 15 सेंटीमीटर गहरा ‘V’ आकार का गड्ढा खोदें और गड्डे से 2 सेंटीमीटर मोटी मिट्टी की परत निकालें।
4. सभी नमूनों को एकत्रित कर अच्छी तरह मिलाएं और एक कपड़े की थैली में रखें।
5. नमूने के साथ एक सूचना पत्रक संलग्न करें, जिसमें किसान की जानकारी हो।

👉नमूना एकत्रिकरण के समय सावधानियां

1. जहां खाद का ढेर रहा हो, वहां से नमूना न लें।
2. पेड़ों, मेढ़ों, रास्तों के पास से नमूना न लें।
3. साफ औजारों (जंग रहित) और साफ थैलियों का उपयोग करें।
4. नमूनों के साथ सूचना पत्रक अवश्य रखें।
5. याद रखें कि खेत का मिट्टी परीक्षण उतना ही आवश्यक है जितना कि स्वास्थ्य के लिए चिकित्सक से जांच करवाना। इसे हर तीन वर्ष में अनिवार्य रूप से दोहराना चाहिए।

मिट्टी परीक्षण कहाँ कराएं? Soil test kaise karen?

1. नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र (KVK)
2. राज्य कृषि विभाग
3. प्राइवेट मिट्टी परीक्षण लैब
4. कृषि विश्वविद्यालय

(सूचना – अगर आपको ऑनलाइन मिट्टी की जांच करानी है, तो हमे संपर्क करें – 9168911489)

लागत

👉सिर्फ NPK – ३५० रुपये
👉NPK + Micronutrients – ८०० रुपये

निष्कर्ष

मिट्टी परीक्षण (Soil test) एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो किसानों को उनकी मिट्टी की गुणवत्ता जानने में मदद करती है। सही समय पर सही जानकारी प्राप्त करने से फसल उत्पादन में सुधार होता है और किसानों की आय बढ़ती है। अगर आपके पास इस विषय पर और प्रश्न हैं, तो कृपया कमेंट करें। इस जानकारी को अपने साथी किसानों के साथ साझा करें ताकि वे भी लाभान्वित हो सकें।

किसानों द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | People also ask –

1. मिट्टी की जांच कराने में कितना खर्च आता है?
उत्तर: मिट्टी की जांच कराने का खर्च सामान्यतः ₹40/- प्रति नमूना होता है। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए यह ₹30/- है।

2. जमीन की मिट्टी की जांच कैसे करें?
उत्तर: मिट्टी का नमूना लेने के लिए खुरपी, फावड़ा या मिट्टी परीक्षण ट्यूब का उपयोग करें। नमूने को जमीन की सतह से 0-15 सेंटीमीटर गहराई से लें।

3. मिट्टी परीक्षण कब करना चाहिए?
उत्तर: मिट्टी परीक्षण हर 3-4 साल में फसल मौसम शुरू होने से पहले और फसल की कटाई के बाद करना चाहिए।

4. मिट्टी का परीक्षण करने में मुख्य रूप से क्या जांचा जाता है?

उत्तर: मिट्टी परीक्षण में पोषक तत्वों की उपलब्धता, लवणीयता, अम्लीयता, और अन्य आवश्यक तत्वों की जांच की जाती है।

5. मिट्टी का सैंपल कैसे लें?
उत्तर: नमूना लेते समय ध्यान रखें कि मिट्टी की सतह से घास और कचरा हटा दें और जिग-जैग तरीके से 10-15 स्थानों से नमूना लें।

 

लेखक: अंशिका वर्मा
फसल जानकारी
संपर्क: contact@fasaljankari.com


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