रबी सीजन की शुरुआत होते ही किसानों के लिए सही बीजों का चुनाव करना जरूरी होता है। चने की बुवाई के लिए सही किस्म का (Chickpea varieties) चयन करना पैदावार और गुणवत्ता दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। यहां हम आपको भारत में 2024 के लिए चने की टॉप 5 किस्मों के बारे में बता रहे हैं, जो अधिक उत्पादन और अच्छी गुणवत्ता प्रदान करती हैं।
देसी चना (Desi Chana)
देसी चना छोटे आकार का होता है और इसे भारत में कई जगहों पर उगाया जाता है। यह चना अपनी उच्च पोषण गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है और इसमें प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसके बीज कठोर होते हैं, जो इसे सूखा सहनशील बनाते हैं। देसी चने की किस्में जैसे JG 11 और Pusa 256 किसानों के बीच लोकप्रिय हैं क्योंकि ये जल्दी पकने वाली और सूखे में भी अच्छी पैदावार देती हैं।
काबुली चना (Kabuli Chana)
काबुली चना, जिसे अक्सर बड़े चने के रूप में जाना जाता है, अपने सफेद या हल्के रंग और बड़े आकार के कारण अलग दिखता है। इसका उपयोग सलाद, सूप और कई विदेशी व्यंजनों में किया जाता है। काबुली चने की किस्में जैसे JGK 5 और Shubhra अपने बढ़िया आकार और बेहतरीन गुणवत्ता के कारण काफी प्रसिद्ध हैं। ये किस्में बाजार में अधिक मांग वाली होती हैं और किसानों को अच्छा मुनाफा देती हैं।
चने की खेती कब होती है? (Chane ki Kheti Kab Hoti Hai)
पैरामीटर | जानकारी |
मुख्य फसल | चना मुख्यतः रबी फसल है। |
बुवाई का समय | – देशी चने: अक्टूबर के मध्य से नवंबर के पहले हफ्ते तक
– काबुली चना: नवंबर के दूसरे सप्ताह तक |
मिट्टी की नमी | बुवाई के समय मिट्टी में नमी का सही स्तर होना चाहिए। |
उपयुक्त तापमान | 20-25 डिग्री सेल्सियस तापमान पर बुवाई करना सर्वोत्तम। |
खेती का क्षेत्र | शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में की जाती है। |
1 एकड़ के लिए कितना बीज चाहिए? (Chickpea seed rate)
बीज की प्रकार | बीज की मात्रा (1 एकड़ के लिए) | बुवाई की गहराई | कतार से कतार की दूरी |
देशी चना | 35-40 किलोग्राम | 5-7 सेंटीमीटर | 30-45 सेंटीमीटर |
काबुली चना | 40-45 किलोग्राम | 5-7 सेंटीमीटर | 30-45 सेंटीमीटर |
चने की खेती किन राज्यों में अधिक होती है?
राज्य | जानकारी |
मध्य प्रदेश | चना उत्पादन में सबसे आगे (लगभग 40% राष्ट्रीय उत्पादन)। |
राजस्थान | चने की खेती के प्रमुख राज्य। |
महाराष्ट्र | चने की खेती के प्रमुख राज्य। |
अन्य राज्य | आंध्र प्रदेश, गुजरात, और हरियाणा भी चने की खेती में सक्रिय। |
देशी चना की प्रमुख किस्में (Desi Chickpea Varieties)
किस्म का नाम | उत्पादन (क्विंटल/हेक्टेयर) | प्रमुख क्षेत्र | विशेषताएँ |
पूसा 10216 | 20-22 | उत्तर भारत | रोग प्रतिरोधी और उच्च पैदावार |
पूसा चना 20211 (पूसा मानव) | 18-20 | उत्तर भारत, मध्य प्रदेश | सूखा सहनशील और जल्दी पकने वाली किस्म |
जेजी 315 | 25-30 | मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र | सूखा सहनशील, जल्दी पकने वाली |
जेजी 16 | 20-25 | मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश | सूखा सहनशील, बेहतर गुणवत्ता |
डीसीपी 92-93 | 22-24 | महाराष्ट्र | सूखा और रोग प्रतिरोधी, अधिक उत्पादन |
विजय | 22-25 | महाराष्ट्र, गुजरात | उकठा प्रतिरोधी, स्थिर उत्पादन |
फुले विश्वराज | 30-35 | महाराष्ट्र | उच्च पैदावार, सूखा प्रतिरोधी |
जीएनजी 2144 | 25-28 | राजस्थान, गुजरात | शुष्क क्षेत्रों के लिए उपयुक्त |
पूसा 256 | 20-23 | पंजाब, हरियाणा | मध्यम पकने वाली और रोग प्रतिरोधी |
पूसा 3043 | 25-28 | उत्तर भारत | रोग प्रतिरोधी और बेहतर उत्पादन |
काबुली चना की प्रमुख किस्में (Kabuli Chickpea Varieties)
किस्म का नाम | उत्पादन (क्विंटल/हेक्टेयर) | प्रमुख क्षेत्र | विशेषताएँ |
जेजीके 6 | 18-22 | मध्य प्रदेश | बड़े दाने, जल्दी पकने वाली |
जेजीके 5 | 18-20 | मध्य प्रदेश | बेहतर गुणवत्ता और सूखा सहनशील |
पूसा 2085 | 20-22 | उत्तर भारत | उच्च पैदावार, बड़े दाने |
पूसा 1105 | 20-24 | उत्तर भारत, पंजाब | उकठा प्रतिरोधी, बड़े दाने |
पूसा 1108 | 18-20 | उत्तर भारत, मध्य प्रदेश | जल्दी पकने वाली और रोग प्रतिरोधी |
पूसा काबुली 1003 | 20-25 | उत्तर भारत | बड़े दाने और उच्च बाजार मूल्य |
शुभ्रा | 18-22 | महाराष्ट्र | बड़े दाने, अच्छी गुणवत्ता |
बीजीडी 128 | 20-22 | तेलंगाना, आंध्र प्रदेश | सूखा सहनशील, उच्च पैदावार |
आईसीसी वी 32 | 22-25 | महाराष्ट्र, राजस्थान | सूखा प्रतिरोधी और उच्च बाजार मांग |
फुले 9425-5 | 20-24 | महाराष्ट्र | बड़े दाने और उच्च पैदावार |
निष्कर्ष (Conclusion)
चने की खेती भारतीय कृषि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो किसानों की आय और खाद्य सुरक्षा में योगदान देती है। देशी और काबुली चना दोनों की उपयुक्त किस्मों (Chickpea varieties) का चयन, सही बुवाई का समय, और उचित बीज की मात्रा का उपयोग करके किसान अपनी पैदावार बढ़ा सकते हैं।
इसलिए, चने की खेती को बढ़ावा देने के लिए उचित जानकारी और संसाधनों का उपयोग आवश्यक है, ताकि किसान अपनी आय को बेहतर बना सकें।
(सूचना: खेती में लगने वाले सभी कृषि उत्पाद की जानकारी पढ़ने के लिए यहा क्लिक करें ——> कृषि दवा)
किसानों द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | People also ask –
1. चने की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है?
चने की सबसे अच्छी किस्में (Chickpea varieties) हैं: जे.जी-12, विजय, एच.सी-5, विशाल, और फुले 9425-5।
2. चना की नई वैरायटी कौन सी है?
हाल ही में विकसित चने की नई किस्में हैं: जे.जी-12, पूसा 10216, और आईपीसीएल 4-14।
3. सबसे ज्यादा चना कौन सा होता है?
काबुली चना (Kabuli Chickpea) आमतौर पर बड़ा और अधिक मूल्यवान होता है।
4. चना का दूसरा नाम क्या है?
चने का दूसरा नाम ‘चना दाल’ या ‘काबुली चना’ है। यह विभिन्न प्रकार की दालों का एक प्रमुख हिस्सा है।
5. चना का पुराना नाम क्या था?
चने का पुराना नाम ‘गुंदू’ था, जो प्राचीन समय में इस्तेमाल होता था।
6. चना खाने से मर्दाना ताकत बढ़ती है क्या?
हाँ, चना खाने से मर्दाना ताकत बढ़ सकती है।
7. चने के कितने प्रकार होते हैं?
चने के मुख्य प्रकार दो होते हैं: देशी चना (Desi Chickpea) और काबुली चना (Kabuli Chickpea)।
8. छोले की किस्म क्या है?
छोले (Chole) काबुली चने से बने होते हैं, जो पकाने के बाद स्वादिष्ट होते हैं।
लेखक: Krushi Doctor Suryakant
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