नमस्कार, किसान मित्रों! “फसल जानकारी”(Fasal jankari) वेबसाइट में आप सभी किसान भाइयों का हार्दिक स्वागत है। आज के ब्लॉग में, हम प्याज में लगने वाले झुलसा रोग (pyaj me jhulsa rog ki dava) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। इसमें हम झुलसा रोग के प्रकार, उसके लक्षण, उपाय और झुलसा रोग के लिए अनुशाषित दवाओं के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। आप सभी से आग्रह है कि इस महत्वपूर्ण विषय पर हमारे ब्लॉग को पढ़ें और आपके किसानी उत्पादकता को बढ़ावा देने वाली जानकारी से लाभान्वित हों। हमारे देश में कई जगहों पर अभी ठंड है। इस ठंड के दिनों में, पाला या कोहरा गिर जाने से प्याज की फसल में झुलसा रोग की समस्या बढ़ जाती है।
प्याज में झुलसा रोग के प्रकार | pyaj me jhulsa rog ke prakar –
1. बैंगनी झुलसा (purple blotch)
2. स्टेम्फिलियम ब्लाइट (Stemphylium blight)
3. कोलेटोट्राइकम ब्लाइट( blight/anthracnose/twister disease)
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प्याज में झुलसा रोग के लक्षण | pyaj me jhulsa rog ke lakshan –
1. बैंगनी झुलसा (purple blotch) –
मौसम खराब होने पर बीमारियों का खतरा बढ़ता है,अल्टरनेरिया पूर्री के कारन प्याज में बैगन झुलसा रोग आ जाती है। शुरूवाती स्थिति में पतियों पर पीले कलर की लाइनें दिखाई देने लगती हैं। बाद में ये लाइनें बढ़कर बैंगन कलर की हो जाती हैं और बैगन धब्बे स्थिति के चारों ओर नीले कलर से घेरे बना लेते हैं। धीरे-धीरे पतियों पर धब्बे बढ़कर, आखिरकार पत्ति मर जाती हैं।
2. स्टेम्फिलियम ब्लाइट (Stemphylium blight)
स्टेम्फिलियम ब्लाइट या झुलसा प्याज में स्टेम्फिलियम वेसकेरियम के कारण होता है। प्याज के पत्तियों पर हलके के सफ़ेद भूरे-भूरे धब्बे अंडाकृति आकर के होते हैं। फंगल के बीजाणु पानी से लथपथ बढ़ते हैं और गहरे रंग के रूप में प्रकट होते हैं। ये धब्बे आगे बढ़कर पत्तियों से बीज के तानों को भी आपनी चपेट में लेते हैं।
प्याज में झुलसा रोग के उपाय | pyaj me jhulsa rog ke upay –
1. फसल के अवशेषों को जमा करके जला देना चाहिए।
2. गर्मी के मौसम में गहरी जदाई करें और मिट्टी को अच्छी धूप मिलनी चाहिए।
3. गर्मी के दिनों में जहां पर प्याज लगाया गया है, वहां पर फिर से खरीफ में प्याज मत लगाएं।
4. पौधा उपचार करके रोपाई कीजिए।
झुलसा रोग के लिए अनुसंक्षित दवा | pyaj me jhulsa rog ke liye dawa –
दवा का नाम | कंपनी | संघटक/ सक्रिय तत्व | मात्रा / एकड़ |
---|---|---|---|
सिग्नम | बीएसएफ | बोस्कालिड 25.2%+पायराक्लोस्ट्रीबिन 12.8 % डब्लू जी | 200 gm/एकड़ |
एमिस्टार टॉप | सिंजेन्टा | एज़ोक्सीस्ट्रोबिन 18.2%+ डिफ़ेनोकोनाज़ोल 11.4% एससी | 150-200 मिली/एकड़ |
कस्टोडिया | अडामा | एज़ोक्सीस्ट्रोबिन 11%+टेबुकोनाज़ोल 18.3% w/w एससी | 300 मिली/एकड़ |
मेरिवॉन | बीएसएफ | फ्लुक्सापायरोक्सैड 250 + पाइराक्लोस्ट्रोबिन 250 एससी | 80 मिली/एकड़ |
अयान | टाटा | क्रेसोक्सिम-मिथाइल 40% + हेक्साकोनाजोल 8% डब्ल्यूजी | 150 ग्राम/एकड़ |
झुलसा रोग के लिए दवा कैसे और कहाँ से खरीदें?
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सारांश | conclusion –
आज के ब्लॉग में हमने आपको प्याज की फसल में झुलसा रोग (pyaj me jhulsa rog) की सम्पूर्ण जानकारी दी है, और प्याज में झुलसा रोग के प्रकार, लक्षण, उपाय, और अनुशाषित दवा के साथ बताया है। आशा है कि दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। यदि हाँ, तो कृपया इस जानकारी को अन्य किसानों के साथ साझा करें। इस प्रकार की जानकारी देखने के लिए आप फसल जानकारी (Fasal Jankari) वेबसाइट पर जाएं, जिससे फसल संबंधित समस्याओं के नियंत्रण के बारे में और किसान फसल समस्या का नियंत्रण करने में सहायक हो सकता है।
बार- बार पूछे जाने वाले सवाल | FAQ –
1. प्याज में झुलसा रोग के लिए क्या करें?
Ans – अच्छा कवक नाशक का छिड़काव करे।
2. झुलसा रोग के लक्षण क्या है?
Ans – पतियों पर राख जैसे धब्बे,बैगन धब्बे,पूरी पत्ती सुख जाना।
3. प्याज में सबसे ज्यादा कौनसा झुलसा आता है?
Ans – बैंगनी झुलसा (purple blotch) और स्टेम्फिलियम ब्लाइट (Stemphylium blight)
4. प्याज में 40% के ऊपर झुलसा है तो कौनसा दवा का उपयोग करे?
Ans – सिग्नम ,एमिस्टार टॉप,मेरिवॉन etc दवा उययोग करे।
लेखक –
सूर्यकांत इर्लेकर
मू. पो – इर्ले, तालुका – बार्शी, जिल्हा – सोलापूर.
राज्य – महाराष्ट्र. पिन – 413412