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onion twister disease

फसल जानकारी (Fasal Jankari) वेबसाईट पे आप सभी का स्वागत है। आज के ब्लॉग में हम जानेंगे प्याज की फसल को नुकसान पहुंचने वाले जलेबी रोग (onion twister disease) की सम्पूर्ण जानकारी। प्याज में जलेबी रोग की दवा, नियंत्रण के उपाय के साथ, फसल में नुकसान, रोग के लक्षण और नियंत्रण के स्मार्ट टिप्स।

प्याज का जलेबी रोग | onion twister disease –

प्याज की सफल उत्पादन कई राज्यों में किया जाता है, लेकिन इसमें होने वाले खतरनाक रोग किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है। इसमें से एक रोग है जलेबी रोग, जो कोलेटोट्रायकम फफूंद (Colletotrichum fungus) के कारण होता है और इससे पूरी प्याज की फसल पर बुरा असर पड़ सकता है।

जलेबी रोग के शुरुवाती लक्षणों में पत्तियों पर पानीदार पीले दाग होते हैं, जो पत्ती के लम्बाई में फैलते हैं। इस रोग को “ट्वीश्टर या स्प्रिंग” (anthracnose onion twister disease) भी कहा जाता है। कोलेटोट्रायकम फफूंद के रेशेदार दाने मिट्टी में सालों तक और प्रभावित फसल के अवशेषों में महीनों तक बने रह सकते हैं।

रोग का प्रसार मुख्यत: मिटटी में सालोंतक रहने वाले जैव अवशेषों के साथ होता है और यहां तापमान और नमी का सही संतुलन होना आवश्यक है। तापमान 25 से 30 डिग्री होता है और मिटटी में नमी लगातार बनी रहती है, तो यह रोग पनपता है।

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प्याज में जलेबी रोग का उपाय | onion twister disease management –

प्याज की फसल को नुकसान पहुंचाने वाले जलेबी रोग (onion leaf curl) के नियंत्रण के उपाय निम्न है –

1. इस फसल के लिए उचित जल निकास वाली समतल भूमि का चयन करें।
2. प्रमाणित बीजों का उपयोग करें ताकि सुरक्षित पौधे उगें।
3. अच्छी रोग प्रतिरोधक प्रजातियों के बीजों का चयन करें।
4. 2 या 3 साल का फसल चक्र अपनाएं ताकि भूमि की उपयोगिता बनी रहे।
5. पौधों के सही दूरी के लिए रोपाई के समय सावधानी बरतें।
6. मिट्टी का परीक्षण करें और खाद एवं उर्वरकों का उचित उपयोग करें।
7. रोग के प्रकोप के लक्षणों को पहचानकर, संक्रमित पौधों को उखाड़ कर नष्ट करें।
8. नियमित देखभाल से पौधों को लंबे समय तक नमी से भरपूर रखें ताकि नुकसान को कम किया जा सके।
9. प्याज के पौधों को जख्मी करने से बचें ताकि संक्रमण का खतरा कम हो।
10. खेत में प्रति एकड़ के हिसाब से 8 से 10 पीले स्टिकी ट्रैप और 8 से 10 नीले स्टिकी ट्रैप लगाएं।
11. खेत और मेधों की साफ-सफाई का ध्यान रखें ताकि खरपतवार न होने पाए।
12. समय-समय पर निराई गुड़ाई करें ताकि फसल को उचित पोषण मिले।

प्याज में जलेबी रोग की दवा | onion twister disease chemical control –

प्याज की फसल में जलेबी रोग के नियंत्रण (onion twister disease treatment) के लिए बेस्ट फफूंदनाशी निम्न है –

फफूंदनाशी के नाम  फफूंदनाशी का कंटेंट  कंपनी का नाम  उपयोग मात्रा 
अवतार फफूंदनाशी  हेक्साकोनाज़ोल 4% + ज़िनेब 68% WP इंडोफिल  300 ग्राम/एकड़ 
गोडिवा सुपर फफूंदनाशी  एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 18.2% + डिफेनोकोनाज़ोल 11.4% एससी धानुका  200 मिली /एकड़ 
किटोशी फफूंदनाशी एज़ोक्सीस्ट्रोबिन 12.5% + टेबुकोनाज़ोल 12.5% एससी सुमिटोमो  300 मिली/एकड़ 
मेरिवॉन फफूंदनाशी फ्लुक्सापायरोक्सैड 250 + पाइराक्लोस्ट्रोबिन 250 एससी बीएएसएफ   80 मिली/एकड़ 
अयान फफूंदनाशी क्रेसोक्सिम-मिथाइल 40% + हेक्साकोनाजोल 8% डब्ल्यूजी टाटा  150 ग्राम/एकड़ 

(नोट – प्याज की फसल में जलेबी रोग की समस्या के अनुसार बतायें गए किसी एक फफूंदनाशी का स्टीकर के साथ मिलाकर छिड़काव करें।)

Conclusion | सारांश –

आज के ब्लॉग में हमने आप को प्याज की फसल को नुकसान पहुंचने वाले जलेबी रोग (onion twister disease) की सम्पूर्ण जानकारी दी है, एवं प्याज में जलेबी रोग की दवा, नियंत्रण के उपाय के साथ, फसल में नुकसान, रोग के लक्षण और नियंत्रण के स्मार्ट टिप्स के बारे में विस्तार से बताया हैं। आशा करते है दी गई जानकरी आप को अच्छी लगी होगी तो आप, अन्य किसानो के पास जरूर शेयर करें, जिससे फसल सम्बंधित समस्या के नियंत्रण के बारें में और किसान फसल समस्या का नियंत्रण आसानी से कर सके।

FAQ | बार – बार पूछे जाने वाले सवाल –

1. प्याज में जलेबी रोग क्या है?
उत्तर – जलेबी रोग, कोलेटोट्रायकम फफूंद के कारण होने वाला एक खतरनाक प्याज का रोग है जिससे पूरी फसल पर नुकसान हो सकता है।

2. जलेबी रोग के लक्षण क्या हैं?
उत्तर -पत्तियों पर पानीदार पीले दाग और ट्वीश्टर या स्प्रिंग कहलाने वाले दागों की शुरुआती चिन्हें हैं।

3. जलेबी रोग से बचाव के लिए क्या उपाय करें?
उत्तर -उचित भूमि चयन, सुरक्षित बीजों का उपयोग, अच्छी रोग प्रतिरोधक प्रजातियों का चयन, सही दूरी के साथ रोपाई, मिट्टी की उपयोगिता, और नियमित देखभाल।

4. जलेबी रोग की दवा कौन-कौनसी हैं?
उत्तर -अवतार फफूंदनाशी, गोडिवा सुपर फफूंदनाशी, किटोशी फफूंदनाशी, मेरिवॉन फफूंदनाशी, और अयान फफूंदनाशी जैसी फफूंदनाशी का उपयोग करें।

5. प्याज में जलेबी रोग से बचने के लिए किस प्रकार की देखभाल करें?
उत्तर -निराई गुड़ाई करें, पौधों को नमी से भरपूर रखें, और खेत और मेधों को साफ-सफाई में ध्यान रखें ताकि खरपतवार न होने पाए।

 

लेखक
सूर्यकांत इर्लेकर
मू. पो – इर्ले, तालुका – बार्शी, जिल्हा – सोलापूर.
राज्य – महाराष्ट्र. पिन – 413412


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