फसल जानकारी (Fasal Jankari) वेबसाईट पे आप सभी का स्वागत है। आज के ब्लॉग में हम जानेंगे सरसों की फसल में आने वाली माहू कीटों की समस्या और नियंत्रण (Mustard Aphid control) के साथ उनके लक्षण, जैविक नियंत्रण, रासायनिक नियंत्रण, और सरसों में कीटों के नियंत्रण के लिए सर्वोत्तम कीटनाशक की पूरी जानकारी प्रदान करेंगे।
सरसों में माहू कीटों की समस्या | Mustard Aphid Insect Information in Hindi –
सरसों की फसलों में माहू कीट का प्रकोप एक गंभीर समस्या है जिससे सभी क्षेत्रों में किये जाने वाले किसान/उत्पादकों को नुकसान हो रहा है। यह कीट सरसों की पूरी फसल को प्रभावित कर सकती है, और अगर इस पर सही समय पर नियंत्रण नहीं किया गया तो 60 प्रतिशत तक की फसल में क्षति हो सकती है।
भारत में, सरसों की खेती विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, लेकिन इसमें माहू (Aphids) कीट का आक्रमण होना एक गंभीर समस्या बना सकता है। इस कीट का प्रकोप दिसम्बर से फरवरी तक बढ़ जाता है, जिससे सरसों की फसलों पर 15 से 60 प्रतिशत तक का क्षति हो सकता है। खासकर, तापमान जब 4 से 8 डिग्री सेंटीग्रेड तक गिरता है और आसमान में काले बादल और घना कुहरा छाए रहता है, तो माहू का प्रकोप और बढ़ जाता है।
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सरसों में माहू कीटों से नुकसान | Aphid in mustard crop –
सरसों के पौधों में माहू कीट की समस्त विकास चरणें, जैसे कि निम्फ और प्रौढ़, पत्तियों, पुष्पक्रमों, और फलियों पर एक समूह में रहती हैं, और यह रस चूसती रहती है। इसके परिणामस्वरूप, पौधे कमजोर और बदरंग हो जाते हैं एवं फसल और पौधों के विकाश में रूकावट आती हैं।
माहू अपने शरीर से एक विशेष प्रकार के द्रव को छोड़ती है, जिसके कारण पत्तियों पर एक काले रंग का कवक विकसित होता है। यह कवक पत्तियों की सामान्य क्रियाओं को बाधित कर सकता है। माहू कीट के भुजांग, जो पत्तियों को चुभाने और चूसने के लिए उपयुक्त होते हैं, जो पौधे को अधिक प्रभावित करते हैं। इस तरह के फसल कीट के प्रभाव के कारण, सरसों के पौधे विकसित नहीं हो पाते और उनका सामान्य विकास रुक जाता है।
माहू कीट की पहचान और जीवन चक्र | Aphid insect identification & Life Cycle –
1. माहू कीट हलके हरे और काले रंग की होती है।
2. इसका आकार 2 से 2.5 मिमीमीटर के बीच होता है।
3. इसका शरीर गोलाकार और पिछले भाग से उपरी सतह पर दो छोटी मधुनलिकाएं निकलती हैं।
4. माहू कीट के प्रौढ़ के पंख लम्बे और सफेद होते हैं और हालांकि, अधिकांश कीट पंखहीन भी हो सकती हैं.
5. यह कीट सरसों की फसलों पर नवंबर और दिसंबर में देखा जा सकता है।
6. पहले दिखने वाले कीट पंखहीन होते हैं और वे मैथुन के बिना शिशुओं को पैदा करते हैं।
7. माहू कीट मादा सीधे अंडे नहीं देती, बल्कि बिना मैथुन के शिशुओं को पैदा करती है।
8. इसके परिणामस्वरूप, इनकी संख्या तेजी से बढ़ती है और वे क्षेत्र को फैला देती हैं।
9. पंख वाली मादा दिसंबर से फरवरी तक सबसे सक्रिय रहती है।
10. फसल की इस अवस्था समय पंख वाले और पंखहीन कीट दोनों प्रकार के पाए जा सकते हैं।
11. माहू कीट की कई पीढ़ियां ठंडे मौसम में पाई जाती हैं।
12. इसका प्रसार बड़े क्षेत्रों में होता है, जो खेतों के लिए एक बड़ी समस्या बना सकता है।
सरसों में माहू कीट नियंत्रण | mustard aphid management –
1. मौसम का महत्व: माहू कीट का प्रकोप ठंडे और बादलयुक्त मौसम में अधिक होता है, इसलिए फसल को सही समय पर बोना जाना चाहिए।
2. उर्वरकों का सही उपयोग: संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करना, माहू की अधिक वृद्धि को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
3. पीले ट्रैप का उपयोग: माहू ग्रसित क्षेत्र में एलो ट्रैप (पीला प्रपंच) लगाने से माहू का नियंत्रण आसानी से होता है।
4. टहनियों का समय पर काटा जाना: माहू से ग्रसित टहनियों को शुरुवात में ही काटकर नष्ट करना चाहिए, ताकि इसका प्रसार रोका जा सके।
5. कीटनाशी दवा का उपयोग: जब 30 प्रतिशत से अधिक पौधों पर माहू दिखाई पड़ने लगे, तो कीटनाशी दवा का छिड़काव करने से माहू को नियंत्रित किया जा सकता है.
माहू कीटों के नियंत्रण के बेस्ट कीटनाशक | mustard aphid chemical control –
कीटनाशक के नाम | कीटनाशक का कंटेंट | कंपनी का नाम | उपयोग मात्रा |
अरेवा कीटनाशक | थियामेथोक्सम 25% डब्ल्यूजी | धानुका | 100 ग्राम/एकड़ |
रीजेंट कीटनाशक | फिप्रोनिल 5% एससी | बायर | 300 मिली/एकड़ |
अलिका कीटनाशक | थियामेथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 9.5% ZC | सिजेंटा | 80 मिली/एकड़ |
लांसर गोल्ड कीटनाशक | एसेफेट 50% + इमिडाक्लोप्राइड 1.8 % एसपी | यूपीएल | 400 ग्राम/एकड़ |
जंप कीटनाशक | फिप्रोनिल 80 डब्ल्यूजी | बायर | 60 ग्राम/एकड़ |
(नोट – सरसों की फसल में माहू कीटों की समस्या के अनुसार बतायें गए किसी एक कीटनाशक का स्टीकर के साथ मिलाकर छिड़काव करें।)
Conclusion | सारांश –
किसान भाइयों आप को इस ब्लॉग में सरसों की फसल में माहू कीटों (mustard aphid) की समस्या के नियंत्रण के साथ, माहू कीटों के लक्षण, फसल में प्रभाव, फसल में नुकसान, माहू कीटों के नियंत्रण के बेस्ट कीटनाशक और नियंत्रण के उपाय के बारें में सम्पूर्ण जानकारी दी गई हैं। आशा करते है दी गई जानकरी आप को अच्छी लगी होगी तो आप, अन्य किसानो के पास जरूर शेयर करें, जिससे फसल सम्बंधित समस्या के नियंत्रण के बारें में और किसान फसल समस्या का नियंत्रण आसानी से कर सके।
FAQ | बार – बार पूछे जाने वाले सवाल –
1. फसल में माहू कीट के प्रकोप से बचाव के लिए सर्वोत्तम समय क्या होता है?
उत्तर – माहू कीट का प्रकोप ठंडे और बादलयुक्त मौसम में अधिक होता है, इसलिए फसल को सही समय पर बोना जाना चाहिए।
2. कौन-कौन से उपाय सरसों में माहू कीट के नियंत्रण में मदद कर सकते हैं?
उत्तर – मौसम की सही जानकारी, उर्वरकों का संतुलित उपयोग, पीले ट्रैप का उपयोग, और कीटनाशी दवाओं का सही मात्रा में छिड़काव माहू कीट के नियंत्रण में मदद कर सकते हैं।
3. सरसों में माहू कीटों का प्रकोप कब होता है?
उत्तर – दिसम्बर से फरवरी तक, ठंडे और बादलयुक्त मौसम में, माहू कीट का प्रकोप हो सकता है।
4. कौन-कौन से कीटनाशक सरसों में माहू कीटों के लिए प्रभावी हैं?
उत्तर – अरेवा, रीजेंट, अलिका, लांसर गोल्ड, और जंप गोल्ड जैसे कीटनाशक प्रभावी हो सकते हैं।
5. कैसे पहचानें कि सरसों की फसल में माहू कीटों का प्रकोप हुआ है?
उत्तर – माहू कीट हलके हरे और काले रंग की होती हैं, और इनका आकार 2 से 2.5 मिमीमीटर के बीच होता है।
लेखक
सूर्यकांत कांबळे
मू. पो – इर्ले, तालुका – बार्शी, जिल्हा – सोलापूर.
राज्य – महाराष्ट्र. पिन – 413412